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Showing posts from January, 2022

आरोग्यालय पायदान - 4 (जवानी का जोश पत्थर पचाले पर अपमान का कण नहीं)

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आज चर्चा का विषय है पाचन संस्था कहते है,जवान व्यक्ति पत्थर भी पचाए , इतनी उसकी शरीर की पाचन संस्थान मजबूत होती है। और हम ये भी जानते है की जवान ,गरम खून वाले व्यक्तियों में बहुत सक्षमता होती है ,उन्हे जरूरत होती है तो बस राह दिखाने वाले की, वो तपते लोहे की तरह होते है,उन्हे जरूरत होती है अच्छे हथौड़े की जो उनकी शक्सियत को आकार दे। पाचन संस्थान आप सब इनसे परिचित है,आपको लगता है की ये large intestine याने मोटी आंत है। पर ये सिर्फ इसका एक हिस्सा है। पाचन का अर्थ है परिवर्तन/परिणमन  हम जो भी आहार सेवन करते है ,ये जरूरी हो जाता है की उसका रूपांतर हमारे शरीर में मौजूद भावों के समान हो जाए मान लीजिए आपने एक केला खाया आपने जिस स्वरुप में उसे खाया है उस स्वरूप में वह आपका शारीरिक भाव नहीं बन सकता...  खाए हुए केले से  शरीर का पोषण हो ... इसके लिए जरूरी है कि उस केले के परमाणु हमारे शरीर के परमाणु समान परिवर्तित हो जाए...यह कार्य जो संस्था करती है वह है पाचन संस्था  पाचन याने खाए हुए अन्न पदार्थो का शरीर रूपी भावों में परिवर्तित होकर, अपाचित शेष भाग का शरीर के बाहर शौच द्वारा न...

आरोग्यालय पायदान - 3 (भूख से स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की भूख)

भूख से स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की भूख अन्न वस्त्र और निवारा ये हमारे वो ध्येय है जिनके लिए हम हमारी सेहत को दांव पर लगाते है ,इस process में हम अपना शारीरिक,मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तो की मिठास को disturb करते है। आज चर्चा का विषय है भूख भूख का ध्येय है देह का भरण पोषण जिस से की हम शारीरिक बल और मानसिक संतुष्टि का सुख प्राप्त कर सके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आपको चाहिए अच्छी भूख का लगना, अच्छे पौष्टिक आहार का सेवन करना ,और आनंदित चित्त से अपने पसंद के व्यक्तियों के साथ आहार सेवन करने से हम हमारे मानसिक गुणों का भी भरण पोषण करते है। अच्छी भूख लगने का आधार है ,आपके पेट की अग्नि ,आपकी निरामय पाचन संस्थान कभी हम नियमित ,समय पर भूख की इच्छा प्रकट होने पर ही दिन में 2-4  बार खाते है और संतुष्ट महसूस करते है(समग्नि) अब भूख कभी कभी नकली होती है ,याने आपने अभी खाना खाया हो पर आपको थोड़ी देर बाद आपको फिर से कुछ खाने का मन करता है / और कभी नही करता है (विषमग्नि) कभी कभी थोडा  ही खा लेने से हमारा पेट भर जाता है। कभी हमे बार बार खाने  की जरूरत पड़ती है(तीक्ष्ण अग्नि) और कभी एक बार का खाय...

आरोग्यालय पायदान - 2 (स्वास्थ्य का आयना है आपका देह)

स्वास्थ्य का आयना है आपका देह। हमें डॉक्टर / वैद्य किसीकी जरूरत न पड़े यदि हम अपने देह पर ध्यान दे,ऊपर से प्रोडक्ट लगाने के चक्कर में हम हमारे metabolism के waste by-product के शरीर पर उभरे दुष्परिणाम  को नज़र अंदाज़ कर बैठते है। शरीर में किसी चीज़ की कमी हो या कोई चीज अत्याधक, प्रमाण में बढ़ रही हो ,तो हमारा शरीर बिल्कुल वैसे लक्षण दिखा देता है ,वैसे ही इच्छा प्रकट करता है ,जिससे की हमारे आहार आचार विहार द्वारा शरीर में तत्वों का संतुलन निर्माण हो सके। पर हममें से कई जन इतने जागरूक नही होते। मान लीजिए आपके सिर पर फुंसी हो जाए ,आप क्या करते है ,lep/cream/gel/chemical का इस्तेमाल करके उस फुंसी को दबाने का प्रयत्न करते है,क्योंकि वो फुंसी हमारी सुंदरता को  खराब प्रकट करती है।  पर क्या हम कभी ये सोचते है ,की ये फुंसी पाचन संस्थान में बिगाड़ के कारण आयी या फिर कल रात को देर तक हमने जो सिनेमा सीरीज देखी थी,उससे प्रकुपित हुए पित्त की वजह से आयी ,या फिर हमे मानसिक तनाव हो रहा है उस वजह से आयी, ई. ये हम नही सोचते हम चुटकी वाला इलाज की लालसा रखते है , और शरीर को फूटी कोड़ी वाला ध्...

आरोग्यालय पायदान - 1 (बालों को तेल लगाना क्यूं है जरूरी)

हम में से बोहुत से लोग ,स्त्री एवम पुरुष,सर पे तैल नही लगाते,ये गलत बात है, तैल न लगाया, फिर बिचारे बालों ने रूखा सूखा सेहरा तेरे सर पर सजाया।। जी हा,बाल हमारे शरीर का वो तत्त्व है जिस से हमारे खूबसूरती उभरती है, हम भले ही माने की बाल dead cell से बने  है,पर दोस्तो आप समझिए न , हम इन्हे बिना दर्द के काट तो सकते है,पर क्या आपने किसी के बाल खींच ने पर चीख नही सुनी .. बाल खींचिए तो देखिए आपको दर्द जरूर होगा,क्योंकि वो हमारे शरीर का हिस्सा है,उन्हें लंबे ,चमकदार, सिल्की होने के लिए पोषण की जरूर होती है,जो उन्हें हमारे आहार द्वारा मिलता है ,हम अगर पोषक आहार सेवन करेंगे,केवल तभी हमारे बाल अंदर से मजबूत बनेंगे। पर क्या आप नहीं जानते कि जब भी बीज को आप मिट्टी में डालते हैं तो बीज के अंदर मौजूद पोषक तत्वों की वजह से और  मिट्टी में मौजूद तत्वों से और थोड़े से पानी और सूरज की रोशनी से वह बीज अंकुरित हो जाता है...  ठीक उसी तरह , हम जो आहार सेवन करते हैं उसके द्वारा जो रक्त में पोषक तत्व आते हैं उससे पोषित होकर भी हमारे बाल सर से अंकुरित हो जाते हैं ...किंतु बालों के सिरहाने जो हमारी ...